मैं जवान हो गई
मैंने प्रेम क्या किया, इम्तिहान हो गई
मेरे प्रेम का चर्चा, सरेआम हो गई
जमाने को मौका चाहिए था
हमने मौका दिया, कि बदनाम हो गई।
दोष किसका दु, खुद की या जमाने का
तय वही होता है, जो सब चाहते है
बस यही सोच कर, मैं परेशान हो गई।
हमने मौका……….
जिधर देखो, बस मुझे ही देखने वाले है
जिधर सुनो, चर्चे सिर्फ हमारे है
प्रेम करके ऐसा कौन सा, गुनाह कर दिया मैंने
कि सारे इल्जाम, मेरे नाम हो गई ।
हमने मौका……….
अब तक बचपना में, जी रहे थे हम
सारे शिकवे गिले, पी रहे थे हम
ये जमाना भी, क्या खुब दिखाती है आयना
अब मुझे भी लगता है, मै जवान हो गई ।
हमने मौका………
✍️ बसंत भगवान राय