इज़हार ए मोहब्बत
दिल में जो बात छुपाकर बैठे हो
क्या क्या इसमें दबाकर बैठे हो
जो बयां न कर दे तेरा हाल ए दिल
इन आंखों को झुकाकर बैठे हो।।
हम तो तुझे जानते है आज इतना
तेरी आहट से पहचान लेते है तुझे
तू क्या छुपाएगा हाल ए दिल हमसे
हम तो तेरे चेहरे से पढ़ लेते है तुझे।।
हमसे क्यों छुपाते हो ये बेकरारी
हमें भी तो थी कबसे तलाश तुम्हारी
मिलोगे तो दिल की बात करेंगे तुमसे
देखी नहीं जाती ये बेकरारी तुम्हारी।।
चल रहा जो भी दिल में तेरे
आज हम जान जायेंगे सब
जो तू नहीं कह पा रहा मुझसे
मैं ही कह देता हूं तुमसे अब।।
जो अरमान जग रहे है दिल में तेरे
मेरे दिल में भी वही शमा जल रही है
जब से देखा है तुम्हें, मेरे इस दिल में
तुझे अपना बनाने की इच्छा पल रही है।।
हम दोनों का एक ही किनारा है
साथ ही पार करना है नदी को
बैठेंगे एक ही नाव में अगर हम
हंसते हंसते पार कर लेंगे नदी को।।
प्यार दिल में है जो आज हमारे
रहना चाहिए जीवन में हमेशा
तू बसा है जो मेरे दिल में आज
रहना अब मेरे दिल में हमेशा।।
करो निवेदन तुम स्वीकार हमारा
तुमसे बस यही आग्रह करता हूं
चलता रहे जीवन खुशी से हमारा
और ईश्वर से यही दुआ करता हूं।।