इजहार ए इस्क
इश्क़ इज़हार तक नहीं पहुंचा
शाह दरबार तक नहीं पहुंचा
चारागर भी निजात पा लेते
जहर बीमार तक नहीं पहुंचा
मेरी किस्मत की मेरे दुश्मन भी
मेरे मयार तक नहीं पहुंचा
उससे बातें तो खूब की लेकिन
सिलसिला प्यार तक नहीं पहुंचा
इश्क़ इज़हार तक नहीं पहुंचा
शाह दरबार तक नहीं पहुंचा
चारागर भी निजात पा लेते
जहर बीमार तक नहीं पहुंचा
मेरी किस्मत की मेरे दुश्मन भी
मेरे मयार तक नहीं पहुंचा
उससे बातें तो खूब की लेकिन
सिलसिला प्यार तक नहीं पहुंचा