इक बदनाम लड़की
कुछ इस कदर से आशिक़ हूं उनका,
खयाल नहीं है मुझे रात दिन का,
ना दिन को सो पाता हूं, ना रात को नींद आती है,
एक अज़ब अंदाज़ है उनका, भुलाए नहीं भूली जाती है,
अज़ब रूह है वो, एक ग़ज़ब जान है,
मुस्कुराहट ही तो उसकी पहचान है,
हर किसी को देख कर मुस्कुरा देती है,
शायद इसलिए ही तो बदनाम है।