इक परी हो तुम बड़ी प्यारी हो
इक परी हो तुम बड़ी प्यारी हो
सुन्दर और संस्कारी हो
अंधेरी सफर में रश्मि हो
तुम जगत कृपाल की लक्ष्मी हो
तुम कीर्ति हो खुद ब्रह्मा की
तुम हर्षोल्लास की पल्लव हो
जिस कारण मथा गया था सागर
तुम वो अमृत की वर्षा हो
तुम माया हो तुम मूरत हो
तुम उर्वशी की सूरत हो
इस सृष्टि लोक पर जन्मी
ऋषियों की तुम करुणा हो
तुम कल्पना हो एक शायर का
ऋतुओं के लिए तुम सावन हो
कैसे बताऊं महत्व तेरा
तुम हर प्रकार से मेरी हो