इक दिन चंदा मामा बोले ,मेरी प्यारी प्यारी नानी
इक दिन चंदा मामा बोले ,मेरी प्यारी प्यारी नानी
बात मुझे करनी है तुमसे ,आज सुनाओ नहीं कहानी
मेरी प्यारी प्यारी नानी
मुझे गिनतियाँ और पहाड़े, बोल-बोलकर याद कराओ
काम छोड़कर सारे अपने, कुछ पढ़ना लिखना सिखलाओ
गिनने पड़ते तारे मुझको ,मुझे बनाओ थोड़ा ज्ञानी
मेरी प्यारी प्यारी नानी
ठंड मुझे जब लगती नानी ,दाँत बजाते मेरे तबला
अपने हाथों से तुम बुनकर ,पहनाओ मुझको इक झबला
लाल गुलाबी नीला पीला ,और हरा नारंगी धानी
मेरी प्यारी प्यारी नानी
रोज़ कान में मच्छर आकर , बहुत बेसुरा राग सुनाते
जगना पड़ता मुझे रातभर, काट काट कर बड़ा सताते
सूत कातती हो तुम कितना एक बना दो मच्छरदानी
मेरी प्यारी प्यारी नानी
घटता बढ़ता रहता हूँ मैं, मेरा रूप बदलता रहता
पर लगता हूँ इतना प्यारा हर कोई है सुंदर कहता
चलो ढूँढकर लाओ नानी, अब अपनी सुंदर बहुरानी
मेरी प्यारी प्यारी नानी
24-02-2023
डॉ अर्चना गुप्ता