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3 Aug 2024 · 1 min read

“इक दनदनाती है ,रेल ,जो रोज है चलती ,

“इक दनदनाती है ,रेल ,जो रोज है चलती ,
इक गुनगुनाती है ,जिंदगी ,जो खेल है खेलती ,
दोनों है मशहूर अपनी हंसीन क़ाबलियत के लिए ,
थरथराती सी है दोनो , हर रोज है गुजरती l”
“नीरज कुमार सोनी”
“जय श्री महाकाल “🕉️

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