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8 Jun 2024 · 1 min read

इक ऐसे शख़्स को

इक ऐसे शख़्स को
उम्मीद से देखना,
जो कभी था ही नहीं हमारा
हम उन्हें याद करके
पहरों रोएँ भी तो कब तक
सब्र भी साथ दे कब तक हमारा
बहुत कमज़ोर था
रिश्ते निभाने का वादा उनका
बहुत मज़बूत रहा
मोहब्बत का धागा हमारा !!

हिमांशु Kulshrestha

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