इक ऐसे शख़्स को
इक ऐसे शख़्स को
उम्मीद से देखना,
जो कभी था ही नहीं हमारा
हम उन्हें याद करके
पहरों रोएँ भी तो कब तक
सब्र भी साथ दे कब तक हमारा
बहुत कमज़ोर था
रिश्ते निभाने का वादा उनका
बहुत मज़बूत रहा
मोहब्बत का धागा हमारा !!
हिमांशु Kulshrestha