इकरार – इजहार
हमें मिलना जरूरी है
उन्हें मिलना जरूरी है
हमें नफरत नहीं उनसे
उन्हें नफ़रत नहीं हमसे
हमें तन्हाई का डर था
उन्हें रुसवाई का डर था
हमें शिकवा नहीं उनसे
उन्हें शिकवा नहीं हमसे
कभी उस मोड़ पर मिलना
उन्होंने ही कहा हमसे
मगर रुकना नहीं हमको
मगर थमना नहीं उनको
बहुत अल्फाज सीने में
जो उनसे कह भी दें यारा
अभी सुनना नहीं उनको
अभी कहना नहीं हमको
मगर सच है
मोहब्बत वो भी करते हैं
कभी इकरार नहीं उनसे
कभी इजहार नहीं उनसे॥