इकबाल मेरा भी बुलंद हो खुदा मेरे
1.
इकबाल मेरा भी बुलंद हो
खुदा मेरे
नेकी की राह चलूँ में
एक करम से तेरे
2.
अफ़सोस न हो हमको
हमारे अंजाम का
सांस भी जो ले रहे हैं
वो भी एक तेरे करम से
1.
इकबाल मेरा भी बुलंद हो
खुदा मेरे
नेकी की राह चलूँ में
एक करम से तेरे
2.
अफ़सोस न हो हमको
हमारे अंजाम का
सांस भी जो ले रहे हैं
वो भी एक तेरे करम से