इंसाफ की डगर पे।
इंसाफ की डगर पे, नेता जी दिखाओ चल के।
ये शहर है तुम्हारा, कुछ अच्छा दिखाओ कर के।
तुम गुम सुम कहाँ पड़े हो,जरा सामने तो आओ।
क्या काम किया है तुमने,जनता को ये बताओ।
इन्साफ की डगर पे, नेता जी दिखाओ चल के।
ये शहर है तुम्हारा, कुछ अच्छा दिखाओ कर के।
क्या कर्म है तुम्हारा,उसको दिखाओ कर के
जो कर्म है तुम्हारा,उसको बताओ सब से।
इन्साफ की नगर में, नेता जी दिखाओ चल के।
हर वोट है तुम्हारा,फिर नेता तुम्हीं हो कल के।
बीते बड़े वर्षों, अब तक,दिखलाई नहीं दिए हो।
जनता खुदा से रोज पूछे,तुम चले कहाँ गए हो।
इंसाफ़ की डगर पे, नेता जी दिखाओ चल के।
ये वतन है तुम्हारा, फिर नेता तुम्हीं हो कल के।
हम वोट लिए खड़े हैं, बताओ कहाँ है देना।
कभी तो कुछ किया नहीं,फिर से क्या है कहना।
इन्साफ की गली में, नेता जी दिखाओ चल के।
ये गाँव है तुम्हारा,और फिर नेता तुम्हीं हो कल के।
संजय कुमार✍️✍️