इंसान
इंसान
क्यों न रहा इंसान तू बता ए मानुष मनुष्य,
तू क्यों रहा न आदमी बता यह नर रहस्य l
एेसा हुआ क्या जो बना तू असुर और निशाचर,
है क्यों तू बनता जा रहा दनुज और निशिचर l
तू ही तो है सर्वश्रेष्ठ कृति खुदा -परमात्मा की
फिर क्यों मिटाता जा रहा तू पहचां इंसां की l
है हारता सुन वोही जो कभी लड़ता नहीं है
तू खुद ही इंसां रहने का प्रयास करता नहीं है l
नीलम शर्मा