इंसान
अपनी जाई की तो
सब परवाह करे है
असल तो वो है
जो दूसरो कोअपना कहे है
ये दम-खम सबमे नहीं होता
सीख तो देते है लोग
पर अमल कोई नहीं करता
समाज के वास्ता
और रिश्तों को दुहाई
सब देते है
पर दूसरों के ज़ख्मो पर
मरहम हर कोई नहीं लगाता
अपनी जाई की तो
सब परवाह करे है
हर मुसीबत से लड़ जाते है
लहू लोहान हो जाते है
कोई दवा दारू नहीं करता
बड़ा मतलबी है इंसान
जो अपने लिए जीता है
इससे तो बढ़िया जानवर है
जो झुंड में चलता है
अपनों को हिफाज़त करता है
इंसान …….अपने लिए जीता था
अपने लिए जीता है
और जीता रहेगा …