इंसान
माँ ने कहाँ सायंटिस्ट बनेगी…..
पापा ने कहाँ IAS अफसर बनेगी……
चाचा ने कहाँ आर्टिस्ट बनेगी…….
मामा ने कहाँ actor बनेगी…..
सब ने तय कर लिया की में क्या बनुँगी…
अरे कोई मुझसे भी तो पुछें
की में क्या बनुँगी?
सायंटिस्ट हो या, IAS अफसर,
आर्टिस्ट हो या, actor
में चाहें जो भी बनुँ……
लेकीन उससे पहले में एक इंसान बनना चाहती हुँ|
कुछ लोग जाती-धर्म, रंग-भेद, अमिरी-गरीबी
को लेकर लड़ते नजर आते हैं…….
आखिर क्यों…. क्या सिर्फ इंसान होना इनके
लिए काफी नहीं होता हैं….
रस्ते में अगर हार्टअटँक आ जाए तो कोई
ये नहीं देखता की ये कौनसी जाती का हैं
कौनसे धर्म का हैं, अमिर हैं या गरीब हैं,
बल्की एकजुट होकर उसकी सहायता
करते हैं…. क्यों की ये मेरा भारत हैं……
और एकता ही इसकी ताकद हैं……
इसिलिए, पहले मुझे एक अच्छा इंसान बनना हैं…….