इंसान बनाम भगवान
इंसान बनाम भगवान
जब ‘ऊपरवाले’ ने एक समर्थ और सक्षम इंसान इस ग्रह पर दिया उतार,
तो उस सक्षम इंसान ने अपनी सुविधानुसार कर लिए अनेकों ‘ऊपरवाले’ तैयार।
उसने अपने ‘ऊपरवाले’ को अल्लाह, ईश्वर, गॉड आदि नाम दिया,
और उन ‘ऊपरवालों’ का ठिकाना सुविधानुसार मंदिर, मस्जिद, चर्च आदि में बना दिया।
उसने तो इतना सक्षम बनाया जो आज अल्लाह, ईश्वर, गॉड बनाता है,
फिर अपनी सुविधानुसार मंदिर, मस्जिद, चर्च आदि में सजाता है।
अपने द्वारा बनाए गए ‘ऊपरवाले’ को मंदिर, मस्जिद, चर्च आदि में बताता है,
जो दिलों में है उस ‘ऊपरवाले’ को इंसान एक बार भी नहीं देख पाता है।
और इनके बनाए ‘ऊपरवाले’ एक इंसान नहीं बना पाए ये तो उनकी औक़ात है,
वो खुद मंदिर, मस्जिद, चर्च आदि में बंद हैं सक्षम इंसान बनाना तो दूर की बात है।