मनुष बंटल।
मनुष बंटल
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धरम से देश बंटल।
हिन्दूस्तानआ पाकिस्तान बनल।।
भाषा से राज्य बंटल।
बंगाल आ बिहार बनल।।
जाति से समाज बंटल।
बाभन आ सोलकन बनल।।
धरम से मनुष बंटल।
हिन्दू आ मुसलमान बनल।।
भाषा से मनुष बंटल।
बंगाली आ असमिया बनल।।
जाति से मनुष बंटल।
उच्च -नीच के जात बनल।।
जड़ में धरम रहल।
सभ्यता आ संस्कृति बटल।।
मनुष विचार में बंटल।
रामा तैं मनुष बंटल।।
स्वरचित © सर्वाधिकार रचनाकाराधीन
रचनाकार-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सीतामढ़ी।