इंसान ढूंढते हैं
गुमनामियों के शहर में पहचान ढूंढते हैं
उजड़ें हुए चमन में हम अरमान ढूंढते हैं
वो मिलेगा ना मिलेगा ये कौन जानता है
जंगल में खड़े होकर हम इंसान ढूंढते हैं
गुमनामियों के शहर में पहचान ढूंढते हैं
उजड़ें हुए चमन में हम अरमान ढूंढते हैं
वो मिलेगा ना मिलेगा ये कौन जानता है
जंगल में खड़े होकर हम इंसान ढूंढते हैं