इंसान की पहचान
इंसान क्या है एक कागज़ ही तो है।
हर वक्त़ हर मोड़ पर मुड़ जाता है।।
बस इसे किसी बात से आहत कर दो ।
वो कागज की तरह ही बिखर जाएगा।।
और उसे कुछ अच्छा कह दो ।
वो पूर्णतः पिघल जाएगा।।
उपरोक्त बातें सत्य हैं परन्तु यह भी सत्य है
उसे रिश्तों से तोड़ो या रिश्तों में जोड़ो
परन्तु वैसे ही साथ निभाता है जिस भांति एक कागज साथ निभाती है पुरानी हो जाने के बाद….