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27 Feb 2024 · 1 min read

इंसान इंसानियत को निगल गया है

इंसान इंसानियत को निगल गया है
स्वार्थ के खातिर अपनों को ही छल गया है
पत्थर से कर दुआ, मांगता है रहम
अब रंग इंसान का भी बदल गया है

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