इंसानों की बस्ती
इंसानों की इस बस्ती में कोई इंसान रहता है। लेकिन आज तक नहीं प्रमाण की मैं तुम्हारे पास रहता है। इस बस्ती के नियम बहुत निराले हैं। करनी बिल कथनी के मतवाले हैं। अपने ही सपनों के सागर में ही डूबा रहता है। इंसानों की इस बस्ती में कोई इंसान रहता है। सबको मालूम है सब को पता है कि बिन मकान के रहता है। सर्दी गर्मी बरसात सभी सहता है। पर हिम्मत नहीं किसी की थी कहने की। कि कोई परेशान रहता है।