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16 Aug 2021 · 1 min read

इंसानियत

कोई पाना चाहता है अम्बर ,
तो कोई कर रहा कब्ज़ा वसुंधरा पर,
लोक लाज़ मर्यादा सब छोड़ दी,
हरे गुलाबी नोटों के कारण ,
रिश्ते सब जलकर खाक हुए ,
पैसा ही बस आबाद रहा
अब रही नहीं दीन,धर्म, दया की बातें ,
इंसान ही इंसानियत का गला घोट रहा ।
भुला बैठे यहां सभी इंसानियत का रुतबा,
एक ही धुन में मगन सभी
बस देना है एक दूसरे को चकमा ।।

✍️रश्मि गुप्ता@ Ray’s Gupta

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 328 Views

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