इंसानियत
कोई पाना चाहता है अम्बर ,
तो कोई कर रहा कब्ज़ा वसुंधरा पर,
लोक लाज़ मर्यादा सब छोड़ दी,
हरे गुलाबी नोटों के कारण ,
रिश्ते सब जलकर खाक हुए ,
पैसा ही बस आबाद रहा
अब रही नहीं दीन,धर्म, दया की बातें ,
इंसान ही इंसानियत का गला घोट रहा ।
भुला बैठे यहां सभी इंसानियत का रुतबा,
एक ही धुन में मगन सभी
बस देना है एक दूसरे को चकमा ।।
✍️रश्मि गुप्ता@ Ray’s Gupta