इंसानियत,
सब कुछ मुझे मिला पर औकात में रहा,
ये जिंदगी तुझे समझा तेरी बात में रहा,
कितने को मिल जाती है फ़न की दौलत,
फ़न भूला जो इंसान तो किस बात में रहा,
सब कुछ मुझे मिला पर औकात में रहा,
ये जिंदगी तुझे समझा तेरी बात में रहा,
कितने को मिल जाती है फ़न की दौलत,
फ़न भूला जो इंसान तो किस बात में रहा,