इंसानियत # 100 शब्दों की कहानी #
रोजाना की तरह मनोज ऑफिस समय पर पहुंचने के लिए निकला ही था, रास्ते में एक भीषण सड़क-दुर्घटना में दो लोग भयंकर रूप से घायल-अवस्था में गिरे थे, उनकी तरफ ध्यान ही नहीं दे रहा कोई, इतने में मनोज ने आकर इंसानियत के नाते तुरंत नजदीकी अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती कराया, ऑफिस जाने में हो गई देर ।
अधिकारी ने पूछा यह ऑफिस आने का समय है ? उसने कहा जी नहीं महोदय यहां तो मैं 2-घंटे काम एक्स्ट्रा करके समय पूरा करूंगा, लेकिन उन घायलों का समय पर उपचार होने से उनका मृत्यु-काल टल गया ।