इंसानियत ना मरे कभी…
हे मानव!
अगर इंसान खुद को कहता है तो इंसान से प्यार कर,
असफलताओं से सीख लेकर कोशिश बार-बार कर,
बड़ों के आशीर्वाद से अपने जीवन को कृतार्थ कर,
जिंदगी में आने वाली चुनौतियों को स्वीकार कर,
रास्ते की कठिनाइयों और बाधाओं को पार कर,
काम , क्रोध , मद , लोभ जैसे दुश्मनों पे वार कर,
मुश्किलों से सामने के लिए खुद को तैयार कर,
इंसानियत ना मरे कभी, ऐसे काम दो-चार कर।