Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Mar 2020 · 1 min read

इंसानियत की राह कभी छोड़ना नहीं

भूलके भी दिल किसी का तोड़ना नहीं
इंसानियत की राह कभी छोड़ना नहीं

भूलना कभी न प्रेम-स्नेह की भाषा
पालना कभी न हीन भाव- निराशा
दुर्भावनाओं से कभी भी सामना न हो
छल या बुराई की कोई भावना न हो
भलाई से कभी भी मुख को मोड़ना नहीं
इंसानियत की राह कभी छोड़ना नहीं

किसी का भी लाचारियों से नाता न जुडे़
गलती से भी गरीबी का मजाक न उडे़
उत्थान के समाज का एक सपना हो दिल में
असहायों की मदद का एक जज्बा हो दिल में
स्वार्थ से रिश्ता कोई भी जोड़ना नहीं
इंसानियत की राह कभी छोड़ना नहीं

व्यवहार से किसी को परेशानी नहीं हो
अपने लाभ में किसी की हानि नहीं हो
दंभ में किसी या किसी मद में न रहना
लाभ के लिए कभी भी झूठ न कहना
सत्य का गला कभी मरोड़ना नहीं
इंसानियत की राह कभी छोड़ना नहीं

विक्रम कुमार
मनोरा, वैशाली

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 4 Comments · 572 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सम्राट कृष्णदेव राय
सम्राट कृष्णदेव राय
Ajay Shekhavat
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
ख़ुद से हमको
ख़ुद से हमको
Dr fauzia Naseem shad
पत्नी (दोहावली)
पत्नी (दोहावली)
Subhash Singhai
जून की दोपहर
जून की दोपहर
Kanchan Khanna
जिन्दगी
जिन्दगी
Ashwini sharma
अपनी टोली
अपनी टोली
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
लोगों की फितरत का क्या कहें जनाब यहां तो,
Yogendra Chaturwedi
■ आज का विचार...।।
■ आज का विचार...।।
*Author प्रणय प्रभात*
मेरा जीने का तरीका
मेरा जीने का तरीका
पूर्वार्थ
3278.*पूर्णिका*
3278.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खो गई जो किर्ति भारत की उसे वापस दिला दो।
खो गई जो किर्ति भारत की उसे वापस दिला दो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
टेलीफोन की याद (हास्य व्यंग्य)
टेलीफोन की याद (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
घर घर रंग बरसे
घर घर रंग बरसे
Rajesh Tiwari
साजिशें ही साजिशें...
साजिशें ही साजिशें...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ଷଡ ରିପୁ
ଷଡ ରିପୁ
Bidyadhar Mantry
"मैं सब कुछ सुनकर मैं चुपचाप लौट आता हूँ
दुष्यन्त 'बाबा'
ये भावनाओं का भंवर है डुबो देंगी
ये भावनाओं का भंवर है डुबो देंगी
ruby kumari
बेटी को जन्मदिन की बधाई
बेटी को जन्मदिन की बधाई
लक्ष्मी सिंह
पोथी- पुस्तक
पोथी- पुस्तक
Dr Nisha nandini Bhartiya
साईं बाबा
साईं बाबा
Sidhartha Mishra
कभी चुभ जाती है बात,
कभी चुभ जाती है बात,
नेताम आर सी
युवा मन❤️‍🔥🤵
युवा मन❤️‍🔥🤵
डॉ० रोहित कौशिक
ग़ज़ल/नज़्म - मेरे महबूब के दीदार में बहार बहुत हैं
ग़ज़ल/नज़्म - मेरे महबूब के दीदार में बहार बहुत हैं
अनिल कुमार
पिता का बेटी को पत्र
पिता का बेटी को पत्र
प्रीतम श्रावस्तवी
हटा लो नजरे तुम
हटा लो नजरे तुम
शेखर सिंह
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
Paras Mishra
मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑
मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हम संभलते है, भटकते नहीं
हम संभलते है, भटकते नहीं
Ruchi Dubey
Loading...