Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2024 · 2 min read

इंसानियत अभी जिंदा है

अगर आप ज़िंदा हो
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आपको किसी के रोने में रोना आए
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप किसी की खुशी में खुश हो जाएं
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप किसी की मदद कर पाए
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप किसी भूखे को खाना दे पाए
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप किसी भूले को रास्ता दिखा पाए
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप किसी का दुःख सुन सकें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप किसी के दर्द को कम कर सकें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप कभी किसी का बुरा न करें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप छोटे बड़े का भेद न जानें सबको अपना मानें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप ऊंच नीच का फ़र्क न पहचानें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे रहें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप किसी के जाति धर्म को न देखें व्यवहार बराबरी का करें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप सड़क पर किसी अजनबी की मदद कर सकें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप किसी रोते हुए को हंसा दें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप किसी बेसहारे का सहारा बनें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप पशु पक्षियों के प्रति दया का भाव रख सकें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है

अगर आप बहन बेटियां किसी की भी हों
सम्मान उनका कर सकें तो, इंसानियत आपमें ज़िंदा है

इंसानियत मर नहीं सकती है, जब तक इंसान हैं
जब तक प्रेम, दया, करुणा, क्षमा और विश्वास है

इंसानियत भी जिंदा है….
क्योंकि इंसान अभी भी जिंदा हैं
_सोनम पुनीत दुबे

3 Likes · 126 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sonam Puneet Dubey
View all
You may also like:
जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
Sonam Puneet Dubey
जाति-धर्म
जाति-धर्म
लक्ष्मी सिंह
4155.💐 *पूर्णिका* 💐
4155.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कवर नयी है किताब वही पुराना है।
कवर नयी है किताब वही पुराना है।
Manoj Mahato
अपने वतन पर सरफ़रोश
अपने वतन पर सरफ़रोश
gurudeenverma198
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
सत्य कुमार प्रेमी
आता जब समय चुनाव का
आता जब समय चुनाव का
Gouri tiwari
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
Phool gufran
एकांत में रहता हूँ बेशक
एकांत में रहता हूँ बेशक
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
.........???
.........???
शेखर सिंह
जब सुनने वाला
जब सुनने वाला
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
छा जाओ आसमान की तरह मुझ पर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
*चाटुकारिता सीख गए तो, जाओगे दरबारों में (हिंदी गजल)*
*चाटुकारिता सीख गए तो, जाओगे दरबारों में (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
सु
सु
*प्रणय*
तेरा ही बसेरा
तेरा ही बसेरा
Pratibha Pandey
🌹जिन्दगी🌹
🌹जिन्दगी🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
हनुमंत लाल बैठे चरणों में देखें प्रभु की प्रभुताई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जितने लगाए तुमने हम पर इल्जामात ,
जितने लगाए तुमने हम पर इल्जामात ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
Keshav kishor Kumar
"हमदर्दी"
Dr. Kishan tandon kranti
कुंडलिया - रंग
कुंडलिया - रंग
sushil sarna
तुझे लोग नहीं जीने देंगे,
तुझे लोग नहीं जीने देंगे,
Manju sagar
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
कमाल लोग होते हैं वो
कमाल लोग होते हैं वो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Maje me-Gajal
Maje me-Gajal
Dr Mukesh 'Aseemit'
कभी हमसे पुछिए
कभी हमसे पुछिए
Vivek saswat Shukla
किसी मे
किसी मे
Dr fauzia Naseem shad
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
ਯਾਦਾਂ ਤੇ ਧੁਖਦੀਆਂ ਨੇ
Surinder blackpen
इंसान की भूख कामनाएं बढ़ाती है।
इंसान की भूख कामनाएं बढ़ाती है।
Rj Anand Prajapati
Loading...