इंसानियत अभी जिंदा है
अगर आप ज़िंदा हो
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आपको किसी के रोने में रोना आए
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप किसी की खुशी में खुश हो जाएं
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप किसी की मदद कर पाए
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप किसी भूखे को खाना दे पाए
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप किसी भूले को रास्ता दिखा पाए
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप किसी का दुःख सुन सकें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप किसी के दर्द को कम कर सकें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप कभी किसी का बुरा न करें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप छोटे बड़े का भेद न जानें सबको अपना मानें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप ऊंच नीच का फ़र्क न पहचानें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे रहें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप किसी के जाति धर्म को न देखें व्यवहार बराबरी का करें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप सड़क पर किसी अजनबी की मदद कर सकें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप किसी रोते हुए को हंसा दें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप किसी बेसहारे का सहारा बनें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप पशु पक्षियों के प्रति दया का भाव रख सकें
तो इंसानियत आपमें ज़िंदा है
अगर आप बहन बेटियां किसी की भी हों
सम्मान उनका कर सकें तो, इंसानियत आपमें ज़िंदा है
इंसानियत मर नहीं सकती है, जब तक इंसान हैं
जब तक प्रेम, दया, करुणा, क्षमा और विश्वास है
इंसानियत भी जिंदा है….
क्योंकि इंसान अभी भी जिंदा हैं
_सोनम पुनीत दुबे