Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2018 · 1 min read

इंद्रधनुष

इंद्रधनुष –

एक संवाद

दूर कहीं
एक टूटे फूटे घर में
जहाँ गरीबी की परिभाषा भी शरमाती थी
माँ गोद लिए बैठी थी
अपनी इकलौती निधि को
बहलाती फुसलाती
बेटा रख हौंसला रोटी ला दूँगी
माँ भूख लगी है रोटी दे दो…
देख रंग इंद्रधनुष के
माँ ने चाहा नये सिरे से
बहलाना फुसलाना
देखो बेटा इस इंद्रधनुष के पार चलेंगे
रंग बिरंगे कपड़े होंगे
नये नवेले और खिलौने
जो मांगोगे वही मिलेगा
माँ भूख लगी है रोटी दे दो….
इंद्रधनुष के ऊपर
हम झूलेंगे
जैसा चाहो वैसे फिसलेगे
सुनते सुनते यही कहानी
आँखों मे सूखे ,भूखे से आँसू
देख निंदासी सी आँखों को
माँ उठी हौले से
बच्चा आँचल पकड़के
सुप्त स्वपन के मुखर स्वरों में
बोल उठा
माँ भूख लगी है रोटी दे दो…

मीनाक्षी भटनागर नई दिल्ली
स्वरचित
25-10-2017

Language: Hindi
277 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
किस्मत
किस्मत
Vandna thakur
हिंदी माता की आराधना
हिंदी माता की आराधना
ओनिका सेतिया 'अनु '
घर की चाहत ने, मुझको बेघर यूँ किया, की अब आवारगी से नाता मेरा कुछ ख़ास है।
घर की चाहत ने, मुझको बेघर यूँ किया, की अब आवारगी से नाता मेरा कुछ ख़ास है।
Manisha Manjari
बड़े होते बच्चे
बड़े होते बच्चे
Manu Vashistha
What if...
What if...
Sridevi Sridhar
Safed panne se rah gayi h meri jindagi
Safed panne se rah gayi h meri jindagi
Sakshi Tripathi
चल बन्दे.....
चल बन्दे.....
Srishty Bansal
छुट्टी का इतवार नहीं है (गीत)
छुट्टी का इतवार नहीं है (गीत)
Ravi Prakash
फूल,पत्ते, तृण, ताल, सबकुछ निखरा है
फूल,पत्ते, तृण, ताल, सबकुछ निखरा है
Anil Mishra Prahari
वट सावित्री
वट सावित्री
लक्ष्मी सिंह
प्रेम लौटता है धीमे से
प्रेम लौटता है धीमे से
Surinder blackpen
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज
कवि रमेशराज
राजतंत्र क ठगबंधन!
राजतंत्र क ठगबंधन!
Bodhisatva kastooriya
आओ न! बचपन की छुट्टी मनाएं
आओ न! बचपन की छुट्टी मनाएं
डॉ० रोहित कौशिक
लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा
लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा
Suryakant Dwivedi
Janab hm log middle class log hai,
Janab hm log middle class log hai,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
Dr. Arun Kumar Shastri
Dr. Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
Kumar lalit
जनता हर पल बेचैन
जनता हर पल बेचैन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बेरंग दुनिया में
बेरंग दुनिया में
पूर्वार्थ
■ आज का विचार
■ आज का विचार
*Author प्रणय प्रभात*
फूल कुदरत का उपहार
फूल कुदरत का उपहार
Harish Chandra Pande
खींचकर हाथों से अपने ही वो सांँसे मेरी,
खींचकर हाथों से अपने ही वो सांँसे मेरी,
Neelam Sharma
"अंकों की भाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
*जिंदगी के  हाथो वफ़ा मजबूर हुई*
*जिंदगी के हाथो वफ़ा मजबूर हुई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सौ बार मरता है
सौ बार मरता है
sushil sarna
International Camel Year
International Camel Year
Tushar Jagawat
आज समझी है ज़िंदगी हमने
आज समझी है ज़िंदगी हमने
Dr fauzia Naseem shad
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे  शुभ दिन है आज।
दीप प्रज्ज्वलित करते, वे शुभ दिन है आज।
Anil chobisa
Loading...