इंतजार
#शीर्षक:- इंतजार
#दिनांक:- 28/7/2023
इंतज़ार, इंतज़ार बस इंतज़ार है,
हमें अपने समय का इंतज़ार है,
कब आयेगा?? पता नहीं,
आयेगा भी या नहीं ?
पता नहीं,
रात नींद में गुज़र जाती है,
सुहानी सुबह नयी आशाएँ लाती है,
फिर सारा दिन ऊर्जावान रहती…,
लेकिन शाम निराशा जगाती है😔😔😔
एक दिन क्या कभी मेरा होगा ????
गर होगा, उस दिन,
दिल बाग-बाग में खोया रहेगा,
अपना वजूद सामने होगा,
पारदर्शी सा दिखायी देगा,
एक साथ संगम,
पैसा, ख़ुशी, आज़ादी का आगमन……
झूमकर नाचेंगे, मन मयूर समान,
मेरा समय देखेगा सारा हिन्दुस्तान !!!!
पर कब आयेगा ऐसा समय????
शैशवावस्था से युवावस्था पार कर गये,
प्रोढावस्था में क्या आयेगा हमारा समय????
या वृद्धावस्था में विलीन हो जायेगा समय…????
रचना मौलिक, अप्रकाशित, स्वरचित और सर्वाधिक सुरक्षित है|
“प्रतिभा पाण्डेय” चेन्नई