इंतजार
आँखों से नदियाँ जब बहती है
तो ये हवाएं मुझसे कहती है
जो चला गया उसे जानें दे
जो तेरा है उससे इंकार न कर
वो जो लोटकर आ नही सकते
तु उनका इंतजार न कर
जो चूमता है इसके पैरो को
ये उसी के संग चलती है
इसका कोई एक रंग नही
ये पल पल में रंग बदलती है
ये दुनिया बड़ी मतलबी है
तु किसी का ऐतबार न कर
वो जो लौटकर आ नही सकते
तु उनका इंतजार न कर
कौन किसका है दुनिया मे
सब दिखावे के रिश्ते नाते है
रोते तो है सामने मगर
पीठ पीछे मुस्कुराते है
वजह ढुंढते है हँसने की
यू अपने गमो को सरेबाज़ार न कर
वो जो लौटकर आ नही सकते
तु उनका इंतजार न कर
क्यों चल पड़ा उन्हीं राहों पर
फिर से दिल दुखाने को
जिसे गुजरे एक जमाना हुआ
तु भूल जा उस जमाने को
मुश्किल से जुड़ा है टूटकर
फिर से खुद को तार तार न कर
वो जो लौटकर आ नही सकते
तु उनका इंतजार न कर