इंतजार…❣️
इंतजार का है ये दर्द,
मिलने की हो रही है आस,
अब तो समझ नहीं आता,
कब होगा वो सुनहरा सास।
बैठे-बैठे दिन गुजरते हैं,
पर उम्मीद हमेशा रहती है,
कुछ न कुछ तो होता है,
हर सांस में वो महसूस होती है।
कहीं कुछ तो करता होगा,
वो भी तो इंतजार करता होगा,
पर क्यों नहीं मिलते हम,
क्यों साथ नहीं चलते हम।
कुछ अनकहे पल होते हैं,
जिनकी कहानी कुछ और होती है,
पर उनका महसूस करना ही,
हमारे इंतजार को सही होती है।
इंतजार का है ये दर्द,
मिलने की हो रही है आस,
अब तो समझ नहीं आता,
कब होगा वो सुनहरा सास।
Vishal babu..✍️✍️✍️