इंतजार का सफर..
इंतजार का ऐ सफर में, कैंसे तय कर पाऊं !
टूट न जाए सांस की डोरी, मुर्दा ना बन जाऊं!!
बन गया हूं मैं सिसकियां, खुशी कहां से लाऊं!
दिखता नहीं है रास्ता कोई, कैंसे तुझ तक आंऊ!!
मिल जाएं कहीं पंख पवन के,उडके तुझ तक आंऊ !
देख के तेरी एक झलक को,फिर इंतजार कर पांऊ!
तेरी झलक बने सब्र का जरिया, फिर तुझ से मिल पाऊं!!₹
रंजीत