*** इंतजार कर रहा देहरी पर ***
8.12.17 ***** दोपहर ***** 12.31
आगंतुक वर्ष इंतजार कर रहा देहरी पर तेरी देख
क्यों अनमना – अनजान बना देहरी पर तेरी देख
आनेवाला आ रहा जानेवाला तीरे-तीरे धीरे- धीरे
विगत-विसार-स्वागत कर आगत देहरी तेरी देख ।।
?मधुप बैरागी