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2 Apr 2024 · 1 min read

इंतजार करते रहे हम उनके एक दीदार के लिए ।

इंतजार करते रहे हम उनके एक दीदार के लिए ।
पर वो किसी और के दीदार में लगे थे।
ना परवाह थी उन्हे हमारे ऐतबार की ,
हम उनके झूठ पे भी ऐतबार कर लेते थे।
…….✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी

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