इंतकाम
************ इंतकाम *********
****************************
सही वक्त पर ही तुम इंतकाम लेना,
पर ये जरूरी है अक्ल से काम लेना।
बिगड़े जो माहौल , कोई न संभाले,
खामोश रह के ही तुम सही दाम लेना।
बेफिक्र कर कभी जंग न जीते जाते,
सोचसमझकर सटीक परिणाम लेना।
मंजिल से पहले राही जो थक जाए,
जरूरी है कठिन राहों में विश्राम लेना।
हथेली से पहेलियाँ नहीं है सुलझती,
पहेली उलझने पर ज़रा विराम लेना।
मनसीरत इंतकाम की अग्नि में जले,
शुद्ध बुध खो गई है मय के जाम लेना।
******************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)