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20 Oct 2022 · 1 min read

इंक़लाबी शायर

फैज़ और ज़ालिब को पढ़कर हुआ
मुझे लफ़्ज़ की ताक़त का एहसास!
दुष्यंत और पाश को सुनकर हुआ
मुझे लफ़्ज़ की ताक़त का एहसास!!
अब मैं कैसे रख सकता हूं आख़िर
लफ़्ज़ों में हल्की-फुल्की-सी बात!
गोरख और अदम को देखकर हुआ
मुझे लफ़्ज़ की ताक़त का एहसास!!
#शायरी #इंकलाबी #बागी #विद्रोही #कवि

Language: Hindi
1 Like · 433 Views
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