इंक़लाबी शायर
फैज़ और ज़ालिब को पढ़कर हुआ
मुझे लफ़्ज़ की ताक़त का एहसास!
दुष्यंत और पाश को सुनकर हुआ
मुझे लफ़्ज़ की ताक़त का एहसास!!
अब मैं कैसे रख सकता हूं आख़िर
लफ़्ज़ों में हल्की-फुल्की-सी बात!
गोरख और अदम को देखकर हुआ
मुझे लफ़्ज़ की ताक़त का एहसास!!
#शायरी #इंकलाबी #बागी #विद्रोही #कवि