Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2017 · 1 min read

आ जाओ

अब आओ आ भी जाओ,हे कान्हा कृष्ण मुरारी
पथराई राह तकती, अंखियां भी अब बेचारी।

इंतजार करते करते, बीती उम्र गिरधारी
न चैन पाऊं दिन में, बेचैनी रैन सारी।

मन है कि जा फंसा है, अंजान से भंवर में
मैं खोजती हूं तुमको,हर गांव हर नगर में ।

न आए क्यों तुम कान्हा, घबराऊँ मैं बेचारी
इतने बड़े जगत में, मुझे आस बस तिहारी।

विरहा की इस चिता से, निकालो मुझे त्रिपुरारी,
लेलो शरण में अपनी, मैं जाऊं तुझपे वारी।

नीलम शर्मा

Language: Hindi
Tag: गीत
196 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तीखा सूरज : उमेश शुक्ल के हाइकु
तीखा सूरज : उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कल पर कोई काम न टालें
कल पर कोई काम न टालें
महेश चन्द्र त्रिपाठी
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
हे राम तुम्हारे आने से बन रही अयोध्या राजधानी।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
" जिन्दगी के पल"
Yogendra Chaturwedi
ख्वाब नाज़ुक हैं
ख्वाब नाज़ुक हैं
rkchaudhary2012
जाने किस कातिल की नज़र में हूँ
जाने किस कातिल की नज़र में हूँ
Ravi Ghayal
"तुर्रम खान"
Dr. Kishan tandon kranti
विश्व रंगमंच दिवस पर....
विश्व रंगमंच दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
फितरत अमिट जन एक गहना🌷🌷
फितरत अमिट जन एक गहना🌷🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
नेक मनाओ
नेक मनाओ
Ghanshyam Poddar
होली गीत
होली गीत
Kanchan Khanna
एक बार हीं
एक बार हीं
Shweta Soni
तुम्हें लगता है, मैं धोखेबाज हूँ ।
तुम्हें लगता है, मैं धोखेबाज हूँ ।
Dr. Man Mohan Krishna
तेरे हक़ में
तेरे हक़ में
Dr fauzia Naseem shad
बात
बात
Ajay Mishra
पहला सुख निरोगी काया
पहला सुख निरोगी काया
जगदीश लववंशी
हमें रामायण
हमें रामायण
Dr.Rashmi Mishra
ब्रांड. . . .
ब्रांड. . . .
sushil sarna
प्रिय
प्रिय
The_dk_poetry
आंखों में नींद आती नही मुझको आजकल
आंखों में नींद आती नही मुझको आजकल
कृष्णकांत गुर्जर
संकट..
संकट..
Sushmita Singh
सुबह सुबह की चाय
सुबह सुबह की चाय
Neeraj Agarwal
ठगी
ठगी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
चँचल हिरनी
चँचल हिरनी
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
भाषा
भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ग़ैरत ही होती तो
ग़ैरत ही होती तो
*Author प्रणय प्रभात*
*डॉंटा जाता शिष्य जो, बन जाता विद्वान (कुंडलिया)*
*डॉंटा जाता शिष्य जो, बन जाता विद्वान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
3392⚘ *पूर्णिका* ⚘
3392⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
ए रब मेरे मरने की खबर उस तक पहुंचा देना
ए रब मेरे मरने की खबर उस तक पहुंचा देना
श्याम सिंह बिष्ट
Loading...