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6 Sep 2021 · 1 min read

आ जरा लग भी जा गले

* आ जरा लग भी जा गले *
**********************
**212 222 12 (ग़ज़ल)**
**********************

आ जरा लग भी जा गले,
भूल सारे शिकवे गिले।

रात बीती दिन भी गये,
याद है क्या कब हमको मिले।

मुड़ न देखा पीछे हमें,
दूर हम से तुम थे चले।

हाल दिल चकनाचूर था,
टूट कर बिखरे सपने पले।

यार मनसीरत मनचला,
जब पटाखे बम भी जले।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

1 Like · 185 Views
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