Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2018 · 1 min read

आ गया सावन,सजन घर नहीं आये –आर के रस्तोगी

आ गया सावन,सजन घर नहीं आये
क्या करू अब मै,मन कुछ नहीं भाये
भेजे उनको कितनी बार मैंने सन्देशे
हर बार हो गये मेरे सन्देशे अनदेखे
क्या करू मुझको कोई तो बतलाये
क्या करू मेरे सजन घर नहीं आये
पड गये झूले सजन मेरे नहीं आये
क्या करू मै,मुझे कोई तो समझाये

उमड़ घुमड़ कर कारे बदरा आये
सारे शाहर में ये खूब शोर मचाये
ऊपर से ये बिजरिया को चमकाये
गरज गरज कर मुझे ये सब डराये
डरावनी विरहणी अब ये कहाँ जाये ?
किसको वो अपने पास बुलाये
कोई तो मेरा ये डर भगाये
आ गया सावन पिया घर नहीं आये
क्या करू मै,मेरे मन कोई नहीं भाये

अब के सावन में शरारत मेरे साथ हुई
मेरा घर छोड़के सबके घर बरसात हुई
सारे शहर में बदरा आये मेरे घर न आये
तडफ तड़फ कर मेरा जिया अब घबराये
ऐसे मै क्या करू,मुझे कोई तो बतलाये
अबके सावन में पिया मेरे घर नहीं आये
क्या करू मै,अब कुछ मन नहीं मेरे भाये

बिता रहे सावन में सभी रंगीन राते
ऐसे मौसम में मै किससे करू बाते
अँधेरी है राते और सूनी है बरसाते
काटने को आ रही है ये खटखनी राते
कैसे काटू मै ये अपनी बरसाती राते
जाग जाग कर बिता रही ये मै राते
ऐसे में मुझे कोई दिलासा दे जाये
अँधेरी और डरावनी राते कट जाये
आ गया सावन,सजन घर नहीं आये
क्या करू मै,मुझे कोई मन नहीं भाये

आर के रस्तोगी

265 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all

You may also like these posts

मस्तमौला
मस्तमौला
Sudhir srivastava
सुहागन बनाम अर्धांगिनी
सुहागन बनाम अर्धांगिनी
वीर कुमार जैन 'अकेला'
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
Sandeep Kumar
ऐ जिन्दगी
ऐ जिन्दगी
Ragini Kumari
दुनियाँ के दस्तूर बदल गए हैं
दुनियाँ के दस्तूर बदल गए हैं
हिमांशु Kulshrestha
कमौआ पूतोह
कमौआ पूतोह
manorath maharaj
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
आर.एस. 'प्रीतम'
धर्म और कर्मकांड
धर्म और कर्मकांड
Mahender Singh
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की
मुझे आरज़ू नहीं मशहूर होने की
Indu Singh
हाइकु - 1
हाइकु - 1
Sandeep Pande
मां की दुआओं का असर
मां की दुआओं का असर
डॉ. एकान्त नेगी
*आधा नभ में चंद्रमा, कहता मॉं का प्यार (कुंडलिया)*
*आधा नभ में चंद्रमा, कहता मॉं का प्यार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दिवस संवार दूँ
दिवस संवार दूँ
Vivek Pandey
- मेरे ख्वाबों की मल्लिका -
- मेरे ख्वाबों की मल्लिका -
bharat gehlot
भारतीय ग्रंथों में लिखा है- “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुर
भारतीय ग्रंथों में लिखा है- “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुर
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
घोसी                      क्या कह  रहा है
घोसी क्या कह रहा है
Rajan Singh
4564.*पूर्णिका*
4564.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अपवाद
अपवाद
Dr. Kishan tandon kranti
*लव इज लाईफ*
*लव इज लाईफ*
Dushyant Kumar
"राजनीति में जोश, जुबाँ, ज़मीर, जज्बे और जज्बात सब बदल जाते ह
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
#मेरे नयनों के उजियारे
#मेरे नयनों के उजियारे
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
पल पल है जिंदगी जिले आज
पल पल है जिंदगी जिले आज
Ranjeet kumar patre
जीवन
जीवन
Rambali Mishra
* जिसने किए प्रयास *
* जिसने किए प्रयास *
surenderpal vaidya
सत्य और राम
सत्य और राम
Dr. Vaishali Verma
🙅दोहा🙅
🙅दोहा🙅
*प्रणय*
ज़माने की ख़राबी न देखो अपनी आंखों से,
ज़माने की ख़राबी न देखो अपनी आंखों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख़्वाहिशें
ख़्वाहिशें
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
पीले पत्ते दूर हो गए।
पीले पत्ते दूर हो गए।
Kumar Kalhans
Loading...