आ गई वर्षा प्यारी
हरी-भरी हरियाली लेकर,
आ गई वर्षा प्यारी।
काले-काले बादल घिरे हुए हैं,
देखो कैसी छटा निराली।
रिमझिम-रिमझिम बरस रहा है,
धरती पर फैली हरियाली।
छायी है नभ तक अंधियारी।।
आ गई वर्षा प्यारी।
मेंढ़क कैसे फुदक रहें हैं,
टर्र-टर्र की आवाज़ लगाते।
अन्धकार की इन रातों में,
जुगुनूँ अपने दीप जलाते।
दौड़े बच्चे देख उजियारी।।
आ गई वर्षा प्यारी।
सनसन-सनसन हवा चल रही,
झूम रही डाली–डाली।
झूला लेकर सावन आया,
भर करके ख़ुशियों की झोली,
फूल खिले हैं क्यारी-क्यारी।।
आ गई वर्षा प्यारी।
हरी-भरी हरियाली लेकर,
आ गई वर्षा प्यारी।।
रामनरेश ‘नरेश;
9559052779