Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2019 · 1 min read

आ अब आशुओ से कहें अब ये बहेंगे नही

आ अब आशुओ से कहें अब ये बहेंगे नही
वो तो गैर हैं तुझसे सच्ची बात कहेंगे नही
आज हम दोनों तो लड़ते रहेंगे सरहदों के लिए
कल ये सरहदें रहेंगी हम दोनों तो रहेंगे नही

Language: Hindi
179 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ऐसे थे पापा मेरे ।
ऐसे थे पापा मेरे ।
Kuldeep mishra (KD)
पथिक तुम इतने विव्हल क्यों ?
पथिक तुम इतने विव्हल क्यों ?
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तेरी गली में बदनाम हों, हम वो आशिक नहीं
तेरी गली में बदनाम हों, हम वो आशिक नहीं
The_dk_poetry
सागर-मंथन की तरह, मथो स्वयं को रोज
सागर-मंथन की तरह, मथो स्वयं को रोज
डॉ.सीमा अग्रवाल
बुद्ध या विनाश
बुद्ध या विनाश
Shekhar Chandra Mitra
मेरी बेटियाँ और उनके आँसू
मेरी बेटियाँ और उनके आँसू
DESH RAJ
हिन्दू जागरण गीत
हिन्दू जागरण गीत
मनोज कर्ण
रखो कितनी भी शराफत वफा सादगी
रखो कितनी भी शराफत वफा सादगी
Mahesh Tiwari 'Ayan'
*फँसे मँझधार में नौका, प्रभो अवतार बन जाना 【हिंदी गजल/ गीतिक
*फँसे मँझधार में नौका, प्रभो अवतार बन जाना 【हिंदी गजल/ गीतिक
Ravi Prakash
अक्ल का अंधा - सूरत सीरत
अक्ल का अंधा - सूरत सीरत
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*** मेरा पहरेदार......!!! ***
*** मेरा पहरेदार......!!! ***
VEDANTA PATEL
Love whole heartedly
Love whole heartedly
Dhriti Mishra
3246.*पूर्णिका*
3246.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इस दुनिया में कोई भी मजबूर नहीं होता बस अपने आदतों से बाज़ आ
इस दुनिया में कोई भी मजबूर नहीं होता बस अपने आदतों से बाज़ आ
Rj Anand Prajapati
आखिरी ख्वाहिश
आखिरी ख्वाहिश
Surinder blackpen
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
- रिश्तों को में तोड़ चला -
- रिश्तों को में तोड़ चला -
bharat gehlot
कहना ही है
कहना ही है
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
जीवन का लक्ष्य महान
जीवन का लक्ष्य महान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
दोगलापन
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
🕊️एक परिंदा उड़ चला....!
🕊️एक परिंदा उड़ चला....!
Srishty Bansal
मुझे याद🤦 आती है
मुझे याद🤦 आती है
डॉ० रोहित कौशिक
रिश्तो की कच्ची डोर
रिश्तो की कच्ची डोर
Harminder Kaur
हे सर्दी रानी कब आएगी तू,
हे सर्दी रानी कब आएगी तू,
ओनिका सेतिया 'अनु '
रख लेना तुम सम्भाल कर
रख लेना तुम सम्भाल कर
Pramila sultan
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
बादल और बरसात
बादल और बरसात
Neeraj Agarwal
हाथों से करके पर्दा निगाहों पर
हाथों से करके पर्दा निगाहों पर
gurudeenverma198
केवल मन में इच्छा रखने से जीवन में कोई बदलाव आने से रहा।
केवल मन में इच्छा रखने से जीवन में कोई बदलाव आने से रहा।
Paras Nath Jha
Loading...