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24 Mar 2020 · 1 min read

आफ़त

मुश्किल घड़ी है आफ़त बड़ी है
फिर भी मुझको यकीं है
दर्द का यह मँजर गुज़र जायेगा
ये वक्त है यारों, ये कहाँ ठहरता है
आज है, कल-परसों ये भी बदल जायेगा।

Language: Hindi
266 Views
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