आफ़त
मुश्किल घड़ी है आफ़त बड़ी है
फिर भी मुझको यकीं है
दर्द का यह मँजर गुज़र जायेगा
ये वक्त है यारों, ये कहाँ ठहरता है
आज है, कल-परसों ये भी बदल जायेगा।
मुश्किल घड़ी है आफ़त बड़ी है
फिर भी मुझको यकीं है
दर्द का यह मँजर गुज़र जायेगा
ये वक्त है यारों, ये कहाँ ठहरता है
आज है, कल-परसों ये भी बदल जायेगा।