आज़ाद गज़ल
भले-बुरे का दावा मैं नहीं करता
मतलब दिखावा मैं नहीं करता ।
मेरी हैसियत भी नहीं कुछ बोलूं
और शोरशराबा मैं नहीं करता ।
सोता हूँ चैन से रातों को, क्यूंकि
दिन भर छ्लावा मैं नहीं करता ।
मुतमईन हूँ खुदा के रहमतों से
कोई भी पछतावा मैं नहीं करता ।
ज़ख्मों पे मरहम लगा सकता हूँ
यारों कोई मुदावा मैं नहीं करता ।
(मुदावा-cure/redress )
-अजय प्रसाद