Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2019 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

रोज़ पढ़ता हूँ तुझे मैं अखबार की तरह
सुनता हूँ तेरी हर बात समाचार की तरह ।
तू मुझे देखे या न देखे ये तेरी मरज़ी है
मै तो देखता हूँ तुझे आखरी बार की तरह ।
कितनी आसानी से मुकर जाते हैं लोग
भूल जाते हैं वायदे नयी सरकार की तरह ।
ज़माना तरस रहा है देखने को वो ज़माना
जब रहते थे सब मिलकर परिवार की तरह ।
पड़ने लगें हैं दौरे तुम पे अजय पागलपन के
आज कल लिख रहे हो इमानदार की तरह ।
-अजय प्रसाद

1 Like · 159 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
Harminder Kaur
कदम पीछे हटाना मत
कदम पीछे हटाना मत
surenderpal vaidya
पैमाना सत्य का होता है यारों
पैमाना सत्य का होता है यारों
प्रेमदास वसु सुरेखा
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ज़िन्दगी में अगर ऑंख बंद कर किसी पर विश्वास कर लेते हैं तो
ज़िन्दगी में अगर ऑंख बंद कर किसी पर विश्वास कर लेते हैं तो
Paras Nath Jha
प्रबुद्ध लोग -
प्रबुद्ध लोग -
Raju Gajbhiye
चित्रगुप्त सत देव को,करिए सभी प्रणाम।
चित्रगुप्त सत देव को,करिए सभी प्रणाम।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
😊आज का दोहा😊
😊आज का दोहा😊
*Author प्रणय प्रभात*
अँधेरे में नहीं दिखता
अँधेरे में नहीं दिखता
Anil Mishra Prahari
"तर्के-राबता" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सुनो पहाड़ की.....!!!! (भाग - ६)
सुनो पहाड़ की.....!!!! (भाग - ६)
Kanchan Khanna
अनघड़ व्यंग
अनघड़ व्यंग
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हास्य-व्यंग्य सम्राट परसाई
हास्य-व्यंग्य सम्राट परसाई
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
गाँधी जी की लाठी
गाँधी जी की लाठी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
राजनीतिक संघ और कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ: शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
राजनीतिक संघ और कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ: शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
कोई मिले जो  गले लगा ले
कोई मिले जो गले लगा ले
दुष्यन्त 'बाबा'
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
यही बस चाह है छोटी, मिले दो जून की रोटी।
यही बस चाह है छोटी, मिले दो जून की रोटी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
फार्मूला
फार्मूला
Dr. Pradeep Kumar Sharma
राही
राही
Neeraj Agarwal
हिंदी का आनंद लीजिए __
हिंदी का आनंद लीजिए __
Manu Vashistha
कौन सुने फरियाद
कौन सुने फरियाद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*****रामलला*****
*****रामलला*****
Kavita Chouhan
नर को न कभी कार्य बिना
नर को न कभी कार्य बिना
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"मयखाना"
Dr. Kishan tandon kranti
" ब्रह्माण्ड की चेतना "
Dr Meenu Poonia
सोचें सदा सकारात्मक
सोचें सदा सकारात्मक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
(4) ऐ मयूरी ! नाच दे अब !
(4) ऐ मयूरी ! नाच दे अब !
Kishore Nigam
2680.*पूर्णिका*
2680.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...