आज़ाद गज़ल
अब मदारी को बंदर नचाएगा
देखते हैं कितना मजा आएगा ।
जैसे बंज़र हो रही है ये धरती
वैसे समंदर भी सूख जाएगा ।
तुम खुश हो अपनी दुनिया में
वो इसी का फ़ायदा उठाएगा ।
‘सब चलता है यार’कहने वालों
यही सोंच तो,तुम्हें लूट जाएगा ।
औकात में रहा करो तुम अजय
वर्ना अरेस्ट कर लिया जाएगा।
-अजय