आज़माइए
अपना अहं कम करके अपनी अहमियत बढ़ाइए,
औरों को इज्जत देकर के अपनी शोहरत बढ़ाइए,
अमरत्व पाया है राजा यहाँ न पाया है फ़क़ीर कोई
त्याग लोभ, मोह, क्रोध को प्रेम की दौलत बढ़ाइए
अपना अहं कम करके अपनी अहमियत बढ़ाइए,
औरों को इज्जत देकर के अपनी शोहरत बढ़ाइए,
अमरत्व पाया है राजा यहाँ न पाया है फ़क़ीर कोई
त्याग लोभ, मोह, क्रोध को प्रेम की दौलत बढ़ाइए