Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Apr 2024 · 1 min read

आहत बता गयी जमीर

आहट बता गयी

चली चलन से चाल मेरी चाहत कर चार धाम माल मेरा
चकोर रख चांद चांदनी पर चश्मा चढा आज मोरनी पर
चढी चीते की चतुराई देख
चावल की चाहत से आहट बता गयी
छोकर छबलि में छाछ् को छ्क्का आया धक्का मारने आज तो छिक-धिक कर छाया में छगन ,घबराकर छाता लाया मंगन
चढी धुप चीते की चतुराई देख
चाहत धुप चारपाई पर अपनी आहट बताइ
जग-मग करता जल झरना को जमना था
जमुना से जमुना को जल भरना था
झारा को देख जशोदा मैया को जमना था
जार लगा जब जल में जोर पकड जमुना को हटना था।
. चढ़ी धूप चीत्ते की चतुराई देख -चाहत
धुप – चारपाई की आहट बताई थी
दामिनी का दामन पर दाग
मारकर दाव दारमदार का
दावेदारी को दबाता गया ।
डाल डाडम की दाल पर लाल का पंख लाल कर
लाल लिवाज को लंटाकाकर लाल को ललचाता गया
चढी धुप चीते की चतुराई देख
चाहत धुप को चारपाई की आस्ता बताई थी।

Language: Hindi
1 Like · 41 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
काँच और पत्थर
काँच और पत्थर
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
संकल्प
संकल्प
Bodhisatva kastooriya
" अब कोई नया काम कर लें "
DrLakshman Jha Parimal
चुनिंदा अशआर
चुनिंदा अशआर
Dr fauzia Naseem shad
एक चुटकी सिन्दूर
एक चुटकी सिन्दूर
Dr. Mahesh Kumawat
बचपन
बचपन
संजय कुमार संजू
उलझी हुई है जुल्फ
उलझी हुई है जुल्फ
SHAMA PARVEEN
काश कही ऐसा होता
काश कही ऐसा होता
Swami Ganganiya
बड़ी मुश्किल है
बड़ी मुश्किल है
Basant Bhagawan Roy
_सुविचार_
_सुविचार_
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
बट विपट पीपल की छांव ??
बट विपट पीपल की छांव ??
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हाइकु (#हिन्दी)
हाइकु (#हिन्दी)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
हुनर
हुनर
अखिलेश 'अखिल'
हमें जीना सिखा रहे थे।
हमें जीना सिखा रहे थे।
Buddha Prakash
#दोहा
#दोहा
*प्रणय प्रभात*
आओ चलें नर्मदा तीरे
आओ चलें नर्मदा तीरे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
वनिता
वनिता
Satish Srijan
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
Phool gufran
मैं पढ़ता हूं
मैं पढ़ता हूं
डॉ० रोहित कौशिक
"मुशाफिर हूं "
Pushpraj Anant
"लहर"
Dr. Kishan tandon kranti
विश्व वरिष्ठ दिवस
विश्व वरिष्ठ दिवस
Ram Krishan Rastogi
चुन्नी सरकी लाज की,
चुन्नी सरकी लाज की,
sushil sarna
*गाते हैं जो गीत तेरे वंदनीय भारत मॉं (घनाक्षरी: सिंह विलोकि
*गाते हैं जो गीत तेरे वंदनीय भारत मॉं (घनाक्षरी: सिंह विलोकि
Ravi Prakash
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ये तुम्हें क्या हो गया है.......!!!!
ये तुम्हें क्या हो गया है.......!!!!
shabina. Naaz
23/110.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/110.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तू ज़रा धीरे आना
तू ज़रा धीरे आना
मनोज कुमार
कठिनाईयां देखते ही डर जाना और इससे उबरने के लिए कोई प्रयत्न
कठिनाईयां देखते ही डर जाना और इससे उबरने के लिए कोई प्रयत्न
Paras Nath Jha
दीपावली
दीपावली
Neeraj Agarwal
Loading...