आस पड़ोस का सब जानता है..
आस पड़ोस का सब जानता है..
खुद को पता नहीं क्या मानता है,
सुलझते नहीं उसके घर के मसले
जिससे जमाना सलाह मांगता है !
✍कवि दीपक सरल
आस पड़ोस का सब जानता है..
खुद को पता नहीं क्या मानता है,
सुलझते नहीं उसके घर के मसले
जिससे जमाना सलाह मांगता है !
✍कवि दीपक सरल