आस्था का दिखावा हुआ राम से
कुर्सियां मिल रहीं खूब आराम से
आस्था का दिखावा हुआ राम से
ये कलम सच हमेशा कहेगी हुजूर
डर नहीं है हमें कोई अंजाम से
राम ने तो किसी को लड़ाया नहीं
कोइ उनकी नज़र में पराया नहीं
तुम लड़ाते रहे राम के नाम से
आस्था का दिखावा हुआ राम से
अस्पतालों में ताले लगे हैं यहां
भट्टियों पर पतीले चढ़े हैं यहां
जाम टकरा रहे हैं यहां जाम से
आस्था का दिखावा हुआ राम से
घर के आंगन की तुलसी तड़पती रही
बूढ़ी अम्मा दवा को तरसती रही
प्यार है वैसे इनको सभी धाम से
आस्था का दिखावा हुआ राम से
घंटियां मंदिरों की यहां बंद हैं
मस्जिदों में नमाजे भी पाबंद हैं
मयकदे सज रहै हैं सरे शाम से
आस्था का दिखावा हुआ राम से
रामराज्य का मतलब पता ही नहीं
राम जैसा अभी तक मिला ही नहीं
प्यार कुर्सी से है और बस दाम से
आस्था का दिखावा हुआ राम से
है दिखावा यह अच्छे दिनों का हुजूर
दाम रोटी के छूने लगे हैं खजूर
आप तो रह रहे खूब आराम से
आस्था का दिखावा हुआ राम से