आस्था और विश्वास
यह हैं आस्था और विश्वास,
जिससे जुड़ी सबकी श्वास,
सदियों की हैं यह आस्था,
प्रेम प्यार स्नेह की व्यवस्था,
आनंद उत्साह का है संगम,
जिससे दूर होते हैं सारे गम,
यही हमारे पर्व हैं,
जिस पर हमे गर्व हैं,
देखकर सबको याद आता उम्र का पड़ाव,
रहे कहीं भी खीच लाता अपनो का लगाव,
यहाँ की मिट्टी में महक हैं बचपन की,
रिश्तों में घुली हैं मिठास जन जन की,
देखो यह पेड़ कब से हैं खड़े ,
गर्व से सीना तान आज भी है अड़े,
देखो मित्र खड़े ,संग आज लेकर सुत ,
मौसम ने भी बदली करवट आई नई रुत,
चेहरे बदलते गए आस्था वहीं,
लोग देख रहे जिंदगी चल रहीं,
यही हमारे पर्व हैं,
जिन पर हमें गर्व हैं,
।।।जेपीएल।।